पारद शिवलिंग का अभिषेक - An Overview

 इसकी पूजा से कुंडली में मौजूद सभी तरह के गृह दोष समाप्त हो जाते हैं।

कवच को नवरात्रि के दौरान अथवा शुक्रवार के दिन किसी भी शुभ नक्षत्र और योग में धारण करें।

हिंदू धर्म में शिवलिंग भगवान शिव का सर्वोच्च प्रतीक है और उनकी पूजा का केंद्र बिंदु माना जाता है। विभिन्न प्रकार के शिवलिंग विद्यमान हैं, जिनमें पारद शिवलिंग और स्फटिक शिवलिंग क्यों है खास ? घर में इनकी पूजा करने के लिए क्या है लाभऔर स्फटिक शिवलिंग का एक विशेष स्थान है। ये दोनों शिवलिंग अपनी विशिष्टताओं और लाभों के कारण पूजनीय माने जाते हैं। आइए, इस लेख में इन शिवलिंगों की महिमा, महत्व और घर में स्थापित करने के फायदों को विस्तार से जानें।

पारद के शिवलिंग को शिव का स्वयंभू प्रतीक भी माना गया है। रूद्र संहिता में रावण के शिव स्तुति की जब चर्चा होती है तो पारद के शिवलिंग का विशेष वर्णन मिलता है। रावण को रस सिद्ध योगी भी माना गया है, और इसी शिवलिंग का पूजन कर उसने अपनी लंका को स्वर्ण की लंका में तब्दील कर दिया था।

वैदिक मान्यताओं के अनुसार, पारद शिवलिंग साक्षात भगवान शिव का स्वरूप है। ब्रह्मचारी महाराज के अनुसार हिंदू धर्म के रूद्रसंहिता, शिवपुराण, ब्रह्मपुराण, वायवीय संहिता, ब्रह्मवैवर्तपुराण आदि कई ऐसे ग्रंथ हैं, जिनमें पारद के शिवलिंग की महिमा का उल्लेख मिलता है। सौभाग्य बढ़ाने वाले पारद शिवलिंग का पूजन हमेशा श्रेष्ठ होता है यहां क्लिक करके पढ़िए- पारद के शिवलिंग को चमत्कारी क्यों माना जाता है। 

- शिवलिंग कहीं भी स्थापित हो पर उसकी वेदी का मुख उत्तर दिशा की तरफ ही होना चाहिए.

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घर में धातु का शिवलिंग है, तो यह सिर्फ सोने चांदी और तांबे से बनी होनी चाहिए। इस पर एक नाग भी लिपटा रहना चाहिए।

मनोकामना पूर्ति के लिए सावन महीने में पारद शिवलिंग घर में रखना चाहिए,इस शिवलिंग की पूजा दिन में दो बार करनी चाहिए,वास्तु दोष का निवारण भी हो जाता हे,शिवलिंग की पूजाविधि और स्थापन विधि पहले कोई पंडित,तांत्रिक या अघोरी से करवा ले फिर आप पूजापाठ और मंत्र का जाप शुरू करे,

- थाल या पात्र में एकत्रित जल को पौधों में डाल सकते हैं.

इन शिवलिंगों को रोजाना गंगाजल या साफ पानी से स्नान कराएं। इसके बाद, इन्हें सूखे, साफ कपड़े से पोंछ दें। आप चाहें तो इन्हें रुई में लपेटकर click here रख सकते हैं। धूप जलाने और दीप जलाने के दौरान इन शिवलिंगों को सीधे गर्मी से बचाएं। थोड़ी सी सावधानी और नियमित पूजा से आप इन शिवलिंगों के दिव्य प्रभाव को प्राप्त कर सकते हैं।

रुद्र संहिता , पारद संहिता , ब्रम्हपुराण , शिव पुराण , उपनिषद , अशा अनेक ग्रंथात पारद शिवलिंगाचे वर्णन दिले गेले आहे.

पारद शिवलिंगाला एक वरदान मानले जाते. या लिंगची पूजा केल्याने धन, आरोग्य, ज्ञान आणि ऐश्वर्य मिळते अशी मान्यता आहे.

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